कच्चे रिश्ते , गहरे रिश्ते
सदी से बनते, पल में टूटते
सूना आकाश , गहरी प्यास
साथी छूटे , छूटे न आस
कौन अपना , शायद सपना
आँख में तैरता , काश ठहरता
चरखा चलता , चलती साँसे
मिलते दोस्त , बिछड़ती राहें
कुछ सच्चे , कुछ किस्स्से
कुछ पूरे , कुछ अधूरे
कोई चल दिया , कोई थम गया
यही पड़े है , वोह बीते लम्हे
- रितेश